हमारे स्कूल में एक खोई वस्तुओं का डिब्बा होता था, जहां आपकी खोई हुई चीज मिल जाया करती थी।
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अभी यह टेक्नॉलजी खोई हुई चीज की दिशा नहीं बता पाती इसलिए आपको खुद घूमकर रेडार वाली स्क्रीन देखनी होगी।
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यह भाव हानियां, व्यय, बायीं आंख, व्यर्थ के अपव्यय, मोक्ष, यौनानन्द, विदेश यात्रायें, गुप्त शत्रु, पाप, अपना स्थान छोडना, बैरियों से भय, मृ्त्यु के उपरान्त की स्थिति, पंजे, नींद में भटकना, विदेश में रहना, साझेदार को परेशानियां, शयन का सुख और शयन से पीडा, मानसिक चिन्तायें, खोई हुई चीज जो पुन: प्राप्त नहीं हो, सकती है.